तंत्रिका कोशिका की संरचना
कोशिकाकाय (Cell Body/ Soma/ Perikaryon): यह न्यूरॉन का केंद्रीय भाग है, जिसमें कोशिका द्रव्य (सायटोप्लाज्म), केंद्रक और कुछ आवश्यक कोशिकांग (ऑर्गेनेल्स) होते हैं। यह अन्न, ऑक्सीजन और अन्य पोषक तत्वों की मदद से कोशिका के जीवन-निर्वाह तथा वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।
डेंड्राइट्स (Dendrites): ये छोटे-छोटे शाखाओं के समान तंतु होते हैं, जो कोशिकाकाय से निकलते हैं। उनका कार्य अन्य न्यूरॉनों या अंगों से सूचना (संकेत) ग्रहण कर सेल बॉडी तक पहुँचाना है।
एक्सॉन (Axon/ तंत्रिकाक्ष): यह न्यूरॉन का सबसे लंबा, एकल और रेशेदार विस्तार है। एक्सॉन का कार्य संकेतों (आवेगों) को कोशिकाकाय से अन्य न्यूरॉन, मांसपेशी या ग्रंथि तक पहुँचाना होता है। मायलिन शीथ (myelin sheath) नामक वसीय आवरण कई बार एक्सॉन के बाहर होता है, जो सिग्नल की गति बढ़ा देता है।
सिनैप्स (Synapse): यह दो न्यूरॉनों के बीच संपर्क स्थल है, जहाँ रासायनिक संदेश मिलकर एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन में स्थानांतरित होते हैं।
मायलिन शीथ: यह एक्सॉन के चारों ओर वसा युक्त आवरण है जो संदेशों के अधिक तीव्र प्रवाह में मदद करता है।
तंत्रिका कोशिका के कार्य
(i) संदेशों (न्यूरल इम्पल्स) का समुचित संचरण—इंद्रियों से मस्तिष्क तक और मस्तिष्क से प्रभावक अंगों तक।
(ii) संवेदी सूचना की प्राप्ति, विश्लेषण और प्रसंस्करण साथ ही आवश्यक प्रतिक्रिया का संचालन।
(III) शरीर की सभी क्रियाओं के समन्वय, नियंत्रण और त्वरित प्रतिवर्ती (Reflex) क्रियाओं में भागीदारी।
(iv) अनैच्छिक (जैसे—श्वसन, हृदयगति) और ऐच्छिक (जैसे—चलना, बोलना) क्रियाओं को नियंत्रित करना
तंत्रिका कोशिका की मुख्य विशेषताएँ
शरीर की सबसे लंबी कोशिका (कुछ एक्सॉन कई फुट तक लंबे हो सकते हैं)।
(v) एक दिशा में ही संकेतों को विस्तार से ले जाती है—डेंड्राइट्स से सेल बॉडी, फिर एक्सॉन के जरिए बाहर।
(vi) विभाजन नहीं होता (adult neurons में) जिससे क्षतिग्रस्त न्यूरॉन स्वाभाविक रूप से पुनः नहीं बनते।
निष्कर्षतः, न्यूरॉन पूरे तंत्रिका तंत्र के सूचना प्रोसेसर व संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है।

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