आंतरिक कान की संरचना
कॉक्लिया (Cochlea):
- यह घोंघे के खोल के आकार की एक खोखली नली होती है, जो फ़्लूड से भरी होती है।
- कॉक्लिया के अंदर कोर्टी का अंग होता है, जिसमें लगभग 20,000 हेयर सेल्स होते हैं। ये हेयर सेल्स ध्वनि तरंगों के कंपन को मस्तिष्क को विद्युत संकेतों में बदलते हैं।
- जब ध्वनि मध्य कान से आंतरिक कान के ओवल विंडो तक पहुँचती है, तो कॉक्लिया के अंदर तरल पदार्थ में हलचल होती है, जिससे हेयर सेल्स सक्रिय होते हैं और तंत्रिका संकेत बनते हैं।
वेस्टिबुलर सिस्टम (Vestibular System):
- इसमें अर्धवृत्ताकार नलिकाएँ (Semicircular canals) और ओटोलिथ अंग होते हैं।
- ये अंग शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। अर्धवृत्ताकार नलिकाएँ सिर की गति और दिशा का पता लगाती हैं, जबकि ओटोलिथ अंग गुरुत्वाकर्षण और सिर की स्थिरता का निर्धारण करते हैं।
आंतरिक कान के कार्य
- सुनने का कार्य: कॉक्लिया ध्वनि तरंगों को विद्युत तंत्रिका संकेतों में बदलता है, जो श्रवण तंत्रिका (eighth cranial nerve) के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुँचते हैं। मस्तिष्क इन संकेतों को ध्वनि के रूप में पहचानता है।
- संतुलन बनाए रखना: अर्धवृत्ताकार नलिकाएँ और ओटोलिथ अंग शरीर की स्थिति और गति की जानकारी मस्तिष्क को देते हैं, जिससे शरीर का संतुलन और समन्वय बनता है।

 
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