जंतु कोशिका का सामान्य विवरण
जंतु कोशिका पादप कोशिका से कई मामलों में भिन्न होती है, जैसे इसमें कोशिका भित्ति नहीं होती, आकार अनियमित रहता है और क्लोरोप्लास्ट भी नहीं पाए जाते हैं। इसका मुख्य भाग कोशिका झिल्ली, जीवद्रव्य और केंद्रक है।
जंतु कोशिका की संरचना
कोशिका झिल्ली: यह कोशिका का सबसे बाहरी आवरण है और चुनिंदा पदार्थों का आवागमन नियंत्रित करती है।
जीवद्रव्य (Cytoplasm): इसमें कई कोशिकांग पाए जाते हैं जैसे माइट्रोकॉन्ड्रिया, राइबोसोम, गॉल्जी यंत्र आदि।
केंद्रक (Nucleus): यह कोशिका का नियंत्रण केंद्र है, जिसमें डीएनए और केंद्रिका पाई जाती है।
प्रमुख कोशिकांग और उनके कार्य
माइट्रोकॉन्ड्रिया: कोशिका का बिजलीघर, जहाँ ATP यानी ऊर्जा बनती है।
गॉल्जी यंत्र: कोशिका में स्रवण (secretion) और पैकेजिंग का कार्य करता है।
लाइसोसोम: अपशिष्ट निपटाने के लिए, पाचनकारी एन्जाइम युक्त।
अंतःप्रद्रव्य जालिका (ER): प्रोटीन एवं वसा संश्लेषण तथा पदार्थों के परिवहन में सहायक।
राइबोसोम: प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करते हैं।
सेंट्रोसोम: कोशिका विभाजन में भूमिका निभाते हैं।
जंतु कोशिका के उदाहरण
त्वचा कोशिकाएं, रक्त कोशिकाएं, तंत्रिका कोशिकाएं आदि जंतु कोशिका के उदाहरण हैं।
जंतु कोशिका की विशेषताएं
1. पादप कोशिका के विपरीत इसमें कठोर कोशिका भित्ति नहीं होती।
2. इनमें क्लोरोप्लास्ट नहीं होते, अतः प्रकाश संश्लेषण नहीं होता।
3. आकार अनियमित (गोलाकार, अंडाकार, आदि) हो सकता है।
जंतु कोशिका जीवन की सबसे छोटी, इकाई और सभी जंतुओं की संरचना एवं क्रियाओं का आधार है।

If you have any doubts, Please let me know.