पादप कोशिका पौधों की मौलिक संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है, जो यूकेरियोटिक होती है और अपनी विशेष संरचना तथा अंगकों के कारण जंतु कोशिका से भिन्न होती है।
पादप कोशिका की संरचना
कोशिका भित्ति: यह बाह्य कठोर परत होती है, जो मुख्य रूप से सेल्यूलोज, ग्लाइकोप्रोटीन, लिग्निन और पेक्टिन से बनी होती है। यह कोशिका को आकार, मज़बूती और सुरक्षा देती है तथा जल और खनिजों के लिए पारगम्य होती है।
कोशिका झिल्ली: यह कोशिका भित्ति के अंदर पाई जाती है और अर्ध-पारगम्य होती है।
कोशिका द्रव्य (Cytoplasm): एक अर्ध-तरल जैलीनुमा पदार्थ, जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, लिपिड, जल आदि मिलते हैं। इसमें जैविक क्रियाएँ संपन्न होती हैं।
केन्द्रक (Nucleus): केन्द्रक एक झिल्ली-बद्ध गोल संरचना है, जिसमें आनुवंशिक पदार्थ (DNA) होता है। यह कोशिका के सभी क्रियाकलापों का नियंत्रण करता है।
लवक (Plastids): पादप कोशिकाओं की विशिष्टता है। इनमें तीन प्रकार होते हैं—हरितलवक (chloroplast), अन्य वर्णक (chromoplast) व रंगहीन (leucoplast)। हरितलवक में क्लोरोफिल होने से प्रकाश-संश्लेषण संभव होता है।
रिक्तिका (Vacuole): एक बड़ी जल-भरी रिक्तिका होती है, जो कोशिका के दबाव और पदार्थों का संचय करती है। इसे टोनोप्लास्ट झिल्ली घेरे रहती है।
गॉल्जीकाय: यह कोशिका में स्राव सम्बन्धी कार्य करती है।
माइटोकॉन्ड्रिया: ऊर्जा उत्पादन का केंद्र होता है।
एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम: प्रोटीन तथा लिपिड संश्लेषण के लिए उत्तरदायी।
राइबोसोम: प्रोटीन संश्लेषण कार्य करता है।
प्लास्मोडेस्मेटा: कोशिका-दर-कोशिका संचार के लिए विशिष्ट छिद्र।
पादप कोशिका की मुख्य विशेषताएँ
1. कठोर कोशिका भित्ति केवल पादप कोशिकाओं में पाई जाती है, जो उन्हें विशेष मजबूती देती है।
2. केंद्रक झिल्ली-बद्ध होता है, जिसमें आनुवांशिक पदार्थ मौजूद रहता है।
3. बड़ी रिक्तिका उपस्थित होती है, जो कोशिका के जल-संतुलन और पदार्थ संग्रहण में मदद करता है।
4. हरितलवक प्रकाश-संश्लेषण में प्रमुख भूमिका निभाता है, जिससे पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं।
निष्कर्ष
पादप कोशिका की संरचना में कोशिका भित्ति, रिक्तिका, केन्द्रक, लवक सहित अनेक महत्वपूर्ण कोशिकांग होते हैं, जो पौधों को उनके कार्यों के लिए सक्षम बनाते हैं।

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