- भारत मे लॉर्ड कार्नवालिस को सिविल सेवा का जन्मदाता कहा जाता है ।
- सिविल सेवा के लिए प्रतियोगी परीक्षा का प्रावधान 1853 चार्टर एक्ट मे किया गया है ।
- सत्येन्द्र नाथ टैगोर सिविल सेवा मे सफलता पाने वाले प्रथम भारतीय थे ।
- सिविल सेवा परीक्षा के लिए शुरुआत मे उम्र सीमा 23 वर्ष तय की गई थी , जो 1866 ई मे 21 वर्ष और 1878 मे 19 वर्ष कर दिया गया ।
- वर्ष 1924 मे ली आयोग की सिफारिश पर वर्ष 1926 मे केन्द्रीय लोक सेवा आयोग का गठन किया गया था ।
- संघ लोक सेवा आयोग का अधिनियम 1935 के अंतर्गत रखा गया था ।
- मैकाले समिति का गठन 1854 ई मे किया गया था ।
- भारत के संविधान मे सिविल सेवा संबंधी प्रावधान भाग 14 के अनुच्छेद 308 - 323 तक मे किया गया है ।
- अखिल भारतीय सेवाओं की भर्ती केंद्र तथा सेवाएं राज्यों को साउपई जाती है ।
- एचिन्सन आयोग का गठन 1886 ई मे प्रांतीय लोक सेवा की सिफारिश किया था ।
- प्रमुख अनुच्छेद -
- अनुच्छेद 310 - इसके अनुसार को भी व्यक्ति जो संघ की सिविल , रक्षा सेवा या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य है राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत तथा राष्ट्रपति सिविल सेवा का सदस्य है रसजीपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है । अतः किसी भी सिविल सेवक को राष्ट्रपति और राज्यपाल हि पदच्युत कर सकते है ।
- अनुच्छेद 311 - इसके अनुसार लोकसेवकों को संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया है , जिसका अर्थ नियुक्तिकर्ता से निचले स्तर के अधिकारी द्वारा पदच्युत न किया जाना तथा एसे अधिकारी को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दिया जाएगा ।
- अनुच्छेद 315 - इसके तहत संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग और राज्यों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग होगा, लेकिन 315 ( 2 ) के तहत दो या दो से अधिक राज्य मिलकर एक संयुक्त लोक सेवा आयोग रख सकते है तथा अनुच्छेद 315 ( 5 ) के अनुसार राष्ट्रपति के अनुमोदन से संघ लोक सेवा आयोग भी राज्यपाल के अनुरोध पर राज्य की आवश्यकता की पूर्ति कर कर सकता है ।
- अनुच्छेद 316 - इसके अनुसार संघ तथा संयुक्त लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी तथा इन सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है , और ए 65 वर्ष की आयु तक पद पर बने रह सकते है ।
- अनुच्छेद 317 - इसके अनुसार लोक सेवा आयोग के सदस्यों व अध्यक्ष को हटाने की प्रक्रिया वर्णित है , जिसे राष्ट्रपति द्वारा - साबित कदाचार , दिवालिया होने, या बाहर सवेतन नियोजित होने के आधार पर हटाए जा सकते है ।
- अनुच्छेद 323 ( ए ) - इसके अनुसार एक केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण होगा, जो पीड़ित लोकसेवकों के लिए राहत प्रदान करने तथा भर्ती , सेवा , संबंधी मामलों का निपटारा करेगा , इसी के तहत वर्ष 1985 मे इस अधिकरण की स्थापना की गई है ।


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