बिहार
विभाजन के बाद कुल भौगोलिक क्षेत्र 44 हजार वर्ग किलोमीटर है। जिसे दो भागों मे
बांटा गया उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार
जिसका मूल आधार गंगा नदी है । उत्तर बिहार मे हिमालय से लेकर दक्षिण गंगा
के उत्तरी तट तक है । जिसका कुल क्षेत्रफल 54 हजार किमी है । दक्षिण बिहार गंगा
नदी के मैदानी भाग से लेकर दक्षिणी राज्य झारखंड के उत्तरी सीमा तक फैला हुआ है
। बिहार मे जल प्रवाह और उसकी स्थिति एवं
दिशा के आधार पर बिहार मे प्रवाहित होने वाली नदियों को दो समूहों मे विभाजित किया
गया है –
उत्तरी बिहार की
नदियाँ – यह नदिया हिमालय से निकलकर
दक्षिण और पूर्व की ओर बहती है गंगा मे आकार मिल जाती है । सरयू ( घाघर , )गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, बलान, कोसी, महानंदा
दक्षिणी बिहार की नदियाँ – इन नदियों का निकास पठारी भाग से निकलकर उत्तर की तरफ बहती हुई गंगा या उसके सहायक नदियों मे मिल जाती है । सोन, उत्तरी कोयल, पुनपुन, फल्गु, पंचाने, संकरी, चनान, कर्मनाशा ।
बिहार मे नदी घाटी परियोजनाए –
1)
गंडक
नदी घाटी परियोजना – भारत और नेपाल
सरकन ने 4 दिसंबर 1959 को गंडक सिंचाई और विद्धुत योजना पर अंतर्राष्ट्रीय समझौता
किया था । यह परियोजना गंडक नदी पर त्रिवेणी नामक स्थान से 85 किमी दक्षिण
वाल्मीकि नगर के पास भैसलोटन नामक स्थान पर 743 किमी लंबा और 760 मीटर ऊंचा बांध
बनाया गया है ।
2) कोसी नदी घाटी परियोजना – इस परियोजना का प्रारंभ 1955 ई मे किया गया । इस परियोजना को नेपाल और भारत सरकार द्वारा किया गया है । जिसका मुख्य उद्देश्य है बाढ़ का नियंत्रण । कोसी नदी उत्तरी बिहार का शोक नदी भी कहा जाता है । नदी के दोनों ओर 240 किमी लबे बाढ़ नियंत्रण बांध का निर्माण हुआ है । बिहार मे परंपरागत ऊर्जा के स्रोत –
1)
ताप
विद्धुत केंद्र – कोयले की
प्रचुरता के कारण बिहार मे विद्धुत उत्पादन मे ताप विद्धुत की प्रधानता रही है ।
a. बरौनी ताप विद्धुत –
यह ताप विद्धुत संयंत्र बरौनी मे स्थित है ।
इसकी स्थापना 1970 मे हुई थी इस ताप केंद्र की कुल उत्पादन क्षमता 320 मेगावाट है । इस ताप विद्धुत केंद्र से उत्तरी बिहार को विद्धुत आपूर्ति की जाती है । a.
b. मुजफ्फरपुर ताप विद्धुतकेंद्र –
इसकी स्थापना 1985 को हुआ था । यह बिहार के मुजफ्फरपुर के कान्ति नामक जगह पर स्थित है । इसकी उत्पादन क्षमता 120 मेगावाट है ।
c. पटना ताप विद्धुतकेंद्र –
इसकी साथपन 1930 ई मे करबिगहिया पटना मे स्थापित किया गया था । जिसकी विद्धुत उत्पाटन क्षमता 135 मेगावाट था । इसे 1984 मे बंद कर दिया गया । इस पावर स्टेशन से राजभवन , पीएमसीएच , सचिवालय और हाई कोर्ट मे बिजली की पूर्ति की जाती थी ।
d. कहलगाँव ताप विद्धुत केंद्र –
इसकी स्थापना 1979 ई मे भागलपुर के कहलगाँव नामक स्थान पर किया गया था । इसका निर्माण रूस की सहायता से किया गया था । स्थापना के 13 साल बाद मतलब 1992 से उत्पादन कार्य प्रारंभ हुआ । यह N. T. P. C के अथिन है ।
e. नवीनगर ताप विद्धुतकेंद्र –
यह विद्धुतकेंद्र बिहार औरंगाबाद के नवनगर जिले के सिवनपुर गाँव मे स्थित है । इसकी संकल्पना 1989 मे बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिंह द्वारा किया की गई थी। जिसकी शुरुआत 2011 मे किया गया है ।इस संयंत्र से उत्पादित विद्धुत के कुल हिस्से का 78% बिहार को , 11 % उत्तर प्रदेश को , 3 % झारखंड को और 1 % सिक्किम को मिलेगा । यह थर्मल पावर नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन को 33 साल पर लीज पर 15 मई 2018 को बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा सूप दिया गया ।
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