ताज का शासन
1858 से 1947
तक
___
By Vinod Kumar
1858
का भारत शासन अधिनियम -
- इसके तहत भारत का शासन सीधे
महारानी विक्टोरिया के अधीन चला गया ।
- गवर्नर जनरल का पद नाम बदलकर
भारत का वायसराय कर दिया गया।
- वह वायसराय भारत में ब्रिटिश काल
का ताज का अध्यक्ष प्रतिनिधि बन गया ।
- लॉर्ड कैनिंग भारत का प्रथम
वायसराय बने ।
1861
के भारत परिषद अधिनियम की विशेषताए -
- इसके द्वारा कानून बनाने की
प्रक्रिया में भारतीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की शुरुआत हुई ।
- इस अधिनियम में मद्रास मुंबई
प्रेसिडेन्शियल को विधाई शक्तियां पुनः विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत
की ।
- बंगाल उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत
और पंजाब में क्रमशः अट्ठारह सौ बासठ 1862 , 1866 और 1897 में विधान परिषद का गठन हुआ ।
- इसने वायसराय को आपातकाल में
बिना काउंसिल की संस्कृति के अध्यादेश जारी करने के लिए अधिकृत किया ।
- ऐसे अध्यादेश की अवधि मात्र 6 महीने की होती
थी ।
1892
के अधिनियम की विशेषताएं -
- इसने विधान परिषदों की कार्यों
में विरोधी कर उन्हें बजट पर बहस करने और कार्यपालिका के प्रश्नों का उत्तर
देने के लिए अधिकृत किया।
1909
के अधिनियम की विशेषताएं -
- इसने दोनों स्तरों पर विधान
परिषदों के चर्चा कार्यों का दायरा बढ़ाया ।
- उदाहरण के तौर पर अनुपूरक प्रश्न
पूछना बजट पर संकल्प रखना इत्यादि ।
- इस अधिनियम को मार्ले मिंटो सुधार के
नाम से जाना जाता है ।
- इस अधिनियम के अंतर्गत पहली बार किसी
भारतीय को वायसराय और गवर्नर की कार्यपरिषद के साथ एसोसिएशन बनाने का
प्रावधान किया ।
- सत्येंद्र प्रसाद सिंहा वायसराय
की कार्यपालिका परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने ।
- लॉर्ड मिंटो को संप्रदाय निर्वाचन
के जनक के रूप में जाना जाता है
भारत
शासन अधिनियम - 1919
- केंद्रीय
और प्रांतीय विश्व की सूची की पहचान कर एवं उन्हें अलग कर राज्यों पर
केंद्रीय नियंत्रण किया गया ।
- केंद्रीय
और प्रांतीय विधान परिषद अपनी सूची में विषयों पर विधान बनाने का अधिकार
प्रदान किया गया।
- सरकार
का ढांचा केंद्रीय और एकात्मक ही बना रहा ।
- इसमें
प्रांतीय विषयों को पुनः दो भागों में विभक्त किया हस्तांतरित और आरक्षित ।
- हस्तांतरित
विषयों पर गवर्नर का शासन होता था । इस कार्य में वह उन मंत्रियों की सहायता
लेता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी थे ।
- आरक्षित
विषयों पर गवर्नर कार्यपालिका परिषद की सहायता से शासन करता था जो विधान
परिषद के प्रति उत्तरदाई नहीं था ।
- शासन की
इस दोहरी व्यवस्था को द्वैध शासन व्यवस्था कहा गया है ।
- इस
अधिनियम ने पहली बार देश में द्विसदनीय व्यवस्था प्रत्यक्ष निर्वाचन की
व्यवस्था को प्रारंभ किया ।
- इस प्रकार के विधान परिषद के स्थान पर दो सदन में व्यवस्था यानी
राज्यसभा और लोकसभा का गठन किया गया ।
- दोनों
सदनों के बहुसंख्यक राज्यों को प्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से निर्वाचित
किया जाता था ।
- इससे एक
लोक सेवा आयोग का गठन किया गया ।
- 1926 मे सिविल सेवकों की भर्ती के लिए केंद्रीय लोक सेवा आयोग का गठन किया
गया ।
- पहली
बार केंद्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग कर दिया।
- राज्य
विधानसभाओं को अपना बजट खुद बनाने के लिए अधिकृत कर दिया ।
- इस
कानून में संपत्ति कर या शिक्षा के आधार पर सीमित संख्या में लोगों को
मताधिकार प्रदान किया ।
- 1919 मे भारत सरकार अधिनियम बनाया गया जो 1921 मे
लागू हुआ था ।
- इस
कानून को मांटेग - चेम्सफोर्ड सुधार भी कहा जाता है ।
- मांटेग
भारत का राज्य सचिव और चेम्सफोर्ड भारत का वायसराय होता था ।
If you have any doubts, Please let me know.