राष्ट्रकूट वंश की स्थापना 752 ईश्वर में दंतिदुर्ग ने करवाया था ।
दंतिदुर्ग ने अपनी राजधानी मान्यखेत या मालखंड में बनाया था ।
दंतिदुर्ग ने महाराजाधिराज परमेश्वर और परमभट्टारक की उपाधि धारण किया था इनके उत्तराधिकारी का नाम कृष्ण प्रथम था।
कृष्ण प्रथम ने एलोरा का विख्यात गुहा मंदिर बनवाया था। तथा तंजावुर में विजय स्तंभ कृष्ण प्रथम ने बनाया था।
ध्रुव ने कन्नौज पर अधिकार करने हेतु वत्सराज एवं धर्मपाल को पराजित किया था । ध्रुव का उपनाम धारावर्ष था ध्रुव का उत्तराधिकारी गोविंद तृतीय था ।
गोविंद तृतीय ने चक्रयुद्ध में धर्मपाल तथा प्रतिहार नरेश नागभट्ट द्वितीय को पराजित कर कन्नौज पर अधिकार किया था।
गोविंद तृतीय के बांध राजगद्दी पर अमोघवर्ष 814 ईसवी में बैठा था ।अमोघवर्ष ने कवि राजमार्ग की रचना किया था ।
राष्ट्रकूट का काल कन्नड़ साहित्य के उत्पत्ति का काल माना जाता है ।
कृष्ण तृतीया ने चोर को पराजित कर कांची एवं तंजावुर पर अधिकार कर लिया था ।
एलोरा गुफा का निर्माण राष्ट्रकूट ने करवाया था एलोरा गुफाओं एवं सेल कृत मंदिरों का संबंध हिंदू बौद्ध और जैन उसे है जिसमें रावण का खाई, दशावतार, कैलाश गुफा मंदिर भी है।
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