गजनी साम्राज्य की स्थापना अलपतगीन नामक तुर्क सरदार ने किया था ।
सुबुक्तगीन , अलपत गीन के गुलाम और उनका दामाद था ।
सुबुक्तगीन का उत्तराधिकारी महमूद गजनवी था सुबुक्तगीन के शासनकाल में मोहम्मद गजनबी खुरासान का शासक था।
मोहम्मद गजनवी राजगद्दी पर 1997 में बैठा था मोहम्मद गजनवी यामिनी वंश का था।
मोहम्मद गजनबी ने बगदाद के खलीफा कादीर से सुल्तान की मान्यता प्राप्त किया था।
मोहम्मद गजनबी ने भारत में प्रथम आक्रमण हिंदूसाही/ ब्राह्मणसाही के विरुद्ध किया था ।
मोहम्मद गजनबी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया था । मोहम्मद गजनबी का प्रथम आक्रमण 1000 ईसवी में हुआ था।
हिंदू शाही राजा जयपाल को मोहम्मद गजनबी ने 1001 ईस्वी में पराजित किया था। जयपाल ने तुर्क शासकों से बार बार पराजित होने के कारण आत्मदाह कर लिया था। जयपाल के बाद गद्दी पर आनंदपाल बैठा था।
मोहम्मद गजनवी ने मुल्तान को 1006 इसमें में विभाजित किया था।
मोहम्मद गजनबी ने कन्नौज पर 1018 ईस्वी में आधिपत्य जमाया था।
मोहम्मद गजनबी ने यामीन उल दौला तथा यामीन उल मिल्लाह की उपाधि धारण किया था ।
मोहम्मद गजनवी ने सोमनाथ पर 1025 इसमें में आक्रमण किया था । सोमनाथ मूर्ति के टुकड़ों को मक्का ,मदीना और गजनी के मस्जिद के सीढ़ियों पर लगाया था ।
मोहम्मद गजनबी ने एक तरफ संस्कृत मुद्रा ले के साथ चांदी के सिक्के निर्गत किए थे।
मोहम्मद गजनबी की मृत्यु 1030 ईस्वी में हुई थी मोहम्मद गजनबी का दरबारी इतिहासकार उत्बी था ।
किताब उल यामिनी की रचना उत्बी ने किया था । शाहनामा की रचना फिर दासी ने किया था किताब उल हिंद की रचना अलबरूनी ने किया था।
अलबरूनी मोहम्मद गजनबी किस शासन काल के इतिहासकार था अलबरूनी का पूरा नाम अबूरेहान मोहम्मद था ।
मोहम्मद गजनबी को मूर्ति भंजक या बुतशिकन भी कहा जाता था।
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