यौन संचारित रोग (STD) वे रोग हैं, जो असुरक्षित यौन संबंध के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मुख्यतः यौन संपर्क से फैलते हैं। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ या परजीवी जैसे सूक्ष्मजीवों के कारण होते हैं।
यौन संचारित रोग की परिभाषा
"कोई भी रोग या संक्रमण जो मुख्य रूप से यौन संबंधों के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, उसे यौन संचारित रोग या STD (Sexually Transmitted Disease) कहते हैं"।
यौन संचारित रोगों के प्रकार
यौन संचारित रोगों को आम तौर पर इनके कारण के आधार पर चार मुख्य श्रेणियों में बांटा जाता है:
बैक्टीरियल (Bacterial)
वायरल (Viral)
परजीवी/प्रोटोजोआ (Parasitic/Protozoal)
आर्थ्रोपोड (Arthropod)
प्रमुख यौन संचारित रोग — विस्तार से विवरण
1. बैक्टीरियल रोग
गोनोरिया (Gonorrhea): आम बैक्टीरिया द्वारा फैलता है, सामान्यत: मूत्रमार्ग, गर्भाशय ग्रीवा आदि में संक्रमण करता है। मुख्य लक्षण स्राव, जलन व जननांगों में दर्द हैं।
सिफिलिस (Syphilis): ट्रपोनिमा पैलेडम नामक बैक्टीरिया के कारण, जिससे जननांग पर घाव, चकत्ते, बुखार व अंगों में क्षति हो सकती है।
क्लेमिडिया (Chlamydia): यूरेथ्रा व सर्विक्स में संक्रमण, कई बार बिना लक्षण वाले, परंतु उपचार न होने पर बाँझपन का कारण बन सकता है।
2. वायरल रोग
एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS): मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है, जिससे एड्स हो सकता है, यह अत्यंत गंभीर अवस्था है।
जेनिटल हर्पीस (Genital Herpes): हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) के कारण जननांगों व आसपास छाले, घाव, जलन।
एचपीवी (HPV): जननांग मस्से व गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का प्रमुख कारण।
हेपेटाइटिस बी: यकृत से संबंधित वायरल रोग, रक्त व यौन तरल से फैलता है।
3. परजीवी/प्रोटोजोआ रोग
ट्राइकोमोनिएसिस (Trichomoniasis): ट्राइकोमोनास वजिनालिस नामक एककोशिकीय परजीवी से फैलता है, जिससे स्राव, खुजली आदि।
प्यूबिक लाइस (Pubic Lice): जननांग बालों में जूं से खुजली, जलन।
स्केबीज (Scabies): घुन के कारण, त्वचा में तेज खुजली व दाने।
4. अन्य
कुछ संक्रमण (जैसे हेपेटाइटिस A, B, C) यौन के अतिरिक्त अन्य मार्गों (रक्त, संक्रमित सुई) से भी फैल सकते हैं, इन्हें कभी-कभी STI में गिना जाता है।
प्रमुख सावधानियां और उपचार
समय पर जांच व उपचार, जिससे अधिकांश रोग पूरी तरह ठीक किए जा सकते हैं (कुछ वायरल रोग जैसे HIV व हर्पीस का केवल नियंत्रण संभव है, पर पूर्ण उपचार नहीं)
सारांश तालिका
इन रोगों से बचाव के लिए सुरक्षित यौन व्यवहार, समय-समय पर जांच और विवेकशीलता अत्यंत आवश्यक है।
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