मोनोकार्पिक पौधे (Monocarpic Plants) ऐसे पौधे होते हैं जो अपने पूरे जीवनकाल में केवल एक बार ही पुष्पन और फलन करते हैं, बीज बनने के बाद इनकी जीवन प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। यह शब्द 'मोनो' यानी 'एक' और 'कार्पिक' यानी 'फल देने वाला' से मिलता है।
प्रमुख उदाहरण
गेहूं (Wheat): अपने जीवनकाल में एक ही बार फूल और बीज बनाता है, फिर पौधा सूख जाता है।
धान (Paddy): एक बार बीज बनने के बाद पौधा समाप्त हो जाता है।
बाँस (Bamboo): कई वर्षों के बाद केवल एक बार पुष्प उत्पन्न करता है और फिर मर जाता है।
नीलाकुरिंजी (Neelakurinji): 12 वर्षों में एक बार फूलता है और बाद में मर जाता है।
केला (Banana): एक ही बार फलने के बाद पौधा नष्ट हो जाता है।
विशेषताएँ
(i) जीवनकाल में केवल एक बार प्रजनन करते हैं।
(ii) पुष्पन और बीजन के बाद मर जाते हैं।
(III) इनमें गेहूँ, धान, बाँस और केला जैसे पौधे शामिल हैं।
निष्कर्ष: जीवन में केवल एक बार फूलने एवं फलने वाले, और बीज बनने के बाद समाप्त होने वाले पौधों को मनोकार्पिक पौधे कहते हैं।

 
If you have any doubts, Please let me know.