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आहार नाल क्या ? इसे कितने भागों मे विभाजित किया गया है ?

 

 आहार नाल – यह एक लंबी एवं सतत नलिका है जो मुख से गुदा तक फैली हुई होती है । आहार नाल की कुल लंबाई लगभग 30 फुट होती है ।

आहार नाल निम्नलिखित भागों मे विभाजित किया गया है –

  •       क.            मुखगुहा
  •       ख.            ग्रसनी
  •        ग.            ग्रसनली
  •        घ.            आमाशय
  •        ङ.            आंत ( छोटी आंत और बड़ी आंत )

मुखगुहा – मुखगुहा आहार नाल का का पहला भाग होता है । मुखगुहा के अंदर जीभ और दांत आते है ।

Ø  पाचन का प्रारंभ मुखगुहा से ही प्रारंभ होता है ।

ग्रसनी – मुखगुहा के पिछले भाग को ग्रसनी कहते है ?

ग्रासनली – ग्रसनी के पिछले हिस्से को ग्रसनली कहते है । मुखगुहा से लार युक्त भोजन ग्रासनली मे पहुंचता है । आहार नाल का यह सबसे लंबा नली होता है ।

आमाशय – ग्रासनली के पिछले हिस्से को आमाशय कहते है या ग्रासनली जिस हिस्से मे खुलती है उसे आमाशय कहते है । यह वक्षगुहा तक फैला होता है ।

आमाशय तीन भागों विभाजित है –

Ø  अग्र भाग ( कार्डियक )

Ø  मध्य भाग ( फंड़ीक )

Ø  पश्च भाग ( पाइलेरिक )

आंत – आमाशय के बाद नली को आंत कहते है । आंत की कुल लंबाई लगभग 22 फुट होता है ।

आंत को दो भागों मे विभाजित किया गया है –

  • Ø  छोटी आंत
  • Ø  बड़ी आंत

छोटी आंत – छोटी  आंत को तीन भागों मे गया है – ग्रहणी , अप्रक्षुद्रंत और क्षुद्रांत

छोटी आंत मे तीन प्रकार के रस स्रावित होते है – पित्त् रस, अग्न्याशय रस और आंत्र रस

बड़ी आंत – बड़ी आंत को भी तीन भागों विभाजित किया गया है – सीकम, मलाशय और कोलन    


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