विधुत चुंबक (Electromagnet) एक ऐसा चुंबक है जिसे विद्युत प्रवाह द्वारा उत्पन्न किया जाता है। यहाँ विधुत चुंबक के बारे में कुछ महत्वपूर्ण नोट्स दिए गए हैं:
1. परिचय
-विधुत चुंबक एक ऐसा उपकरण है जिसमें विद्युत प्रवाह के प्रभाव से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
- यह स्थायी चुंबक से अलग होता है क्योंकि इसका चुंबकीय प्रभाव विद्युत प्रवाह के चालू और बंद करने पर निर्भर करता है।
2. संरचना
कुंडली (Coil): तांबे की तार को कई बार लपेटकर एक कुंडली बनायी जाती है।
लौह कोर (Iron Core): चुंबकीय क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कुंडली के अंदर लौह कोर रखा जाता है।
3. कार्यप्रणाली
- जब कुंडली में विद्युत प्रवाह प्रवाहित किया जाता है, तो इसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
- लौह कोर इस चुंबकीय क्षेत्र को और मजबूत करता है, जिससे चुंबक की क्षमता बढ़ जाती है।
4. गुण
नियंत्रणीयता: विद्युत चुंबक का चुंबकीय क्षेत्र विद्युत प्रवाह की मात्रा और दिशा के अनुसार नियंत्रित किया जा सकता है।
लचीलापन: विभिन्न आकारों और रूपों में बनाया जा सकता है।
सक्रियता:विद्युत प्रवाह बंद होते ही चुंबकीय प्रभाव समाप्त हो जाता है।
5. उपयोग
इलेक्ट्रिक मोटर्स: विद्युत मोटरों में रोटर और स्टेटर के रूप में।
रिले और स्विचेस:विद्युत परिपथों को नियंत्रित करने के लिए।
मेडिकल उपकरण: MRI मशीनों में।
लिफ्टिंग मैग्नेट्स: भारी लोहे की वस्तुओं को उठाने के लिए।
6. लाभ और हानियाँ
लाभ: आसानी से नियंत्रित, चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता को समायोजित किया जा सकता है।
हानियाँ:विद्युत ऊर्जा की खपत, गर्मी उत्पन्न हो सकती है।
7. सुरक्षा
- विद्युत प्रवाह का उचित रूप से प्रबंधन करना आवश्यक है ताकि ओवरहीटिंग और शॉर्ट सर्किट से बचा जा सके।
- उच्च विद्युत प्रवाह के उपयोग के दौरान सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।

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