प्राचीन भारत भाग - 2
जीवन भर अविवाहित रहने वाली महिलाओं को अमाजू कहा जाता था I
आर्यों का मुख्य पेय पदार्थ सोमरस था I
आर्यों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन और कृषि था I
महर्षि कणाद को भारतीय परमाणुवाद का जनक कहा गया है I
आर्यों का प्रिय पशु घोड़ा एवं सर्वाधिक प्रिय देवता इंद्रा था I
आर्यों द्वारा खोजी गयी धातु लोहा थी जिसे श्याम अयस् कहा जाता था I
आर्यों ताम्बे को लोहित अयस भी कहते थे I
भारतियों को लोहे का ज्ञान ईसापूर्व आठवी सदी में प्राप्त हुआ था I
व्यापार हेतु दूर - दूर तक जानेवाला व्यक्ति को पणी कहते थे I
ऋग्वेद में गंगा नदी का जिक्र एक बार हुआ है I
ऋग्वेद में यमुना नदी अक जिक्र तीन बार हुआ है I
ऋग्वेद में सिन्धु नदी का उल्लेख सबसे अधिक बार हुआ है I
उत्तरवैदिक काल में इंद्रा के स्थान पर प्रजापति सर्वाधिक प्रिय देवता हो गये थे I
ऋग्वेद में इंद्र को युद्ध का नेता एवं वर्षा का का देवता कहा गया है I
ऋग्वेद में अग्नि को देवता और मनुष्य के बीच मध्यस्थ कहा गया है I
ऋग्वेद में वरुण को पृथ्वी एवं सूर्य के निर्माता , समुंद्र का देवता , विश्व का नियामक व शासक , सत्य का प्रतिक , ऋतू परिवर्तन और दिन - रात का कर्ता कहा गया है I
धौ को आकाश का देवता कहा गया है I
सोम को वनस्पति का देवता कहा गया है I
उषा को प्रगति एवं उत्थान देवता कहा गया है I
आश्विन विप्तियों को हरने वाले देवता कहा गया है I
विष्णु को विश्व के संरक्षक एवं पालनकर्ता कहा गया है I
पूषण को पशुओं का देवता कहा गया है I
मरुत को आंधी तूफान का देवता कहा गया है I
उत्तरवैदिक काल में हल को सिरा कहा गया है I
उत्तर वैदिक काल में हल के रेखा को सीता कहा जाता था I
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