प्राचीन भारत
भारत का सर्व प्राचीन धर्म ग्रंथ वेद है I
वेद चार प्रकार के हैं ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद I
चारों वेदों को संहिता कहा जाता है I
ऋग्वेद में 10 मंडल ,1028 सूक्त एवं 10,462 ऋचाएं है I
ऋग्वेद के वेद के पढ़ने वाले ऋषि को होतरी कहते हैं I
विश्वामित्र द्वारा रचित ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है I
9 वें मंडल में सोम देवता का उल्लेख है I
8 वें मंडल की हस्तलिखित ऋचाओं को खिल कहा जाता है I
10 वें मंडल में चातुष्वणर्य समाज की कल्पना का स्रोत ज्ञात होता है I जिसके अनुसार चार वर्ण ( ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य और शुद्र ) है I पुरुष ब्रह्मा के क्रमशः मुख , भुजाओं , जंघाओं और चरणों से उत्पन्न हुए है I
ऋग्वेद के कई परिच्छेदों में प्रयुक्त अधन्य शब्द का संबंध गाय से है I
ऋग्वेद में इंद्र के लिए 250 तथा अग्नि के लिए 200 ऋचाओं की रचना है I
सस्वर पाठ के लिए मंत्रो तथा बलि के समय अनुपालन के लिए नियमो का संकलन यजुर्वेद कहलाता है I
यजुर्वेद के पाठकर्ता को अध्यवर्यु कहते है I
यज्रुवेद में बलिदान विधि का वर्णन है I
यजुर्वेद एक ऐसा वेद है जो गध एवं पद्ध दोनों में है I
यजुर्वेद को शुक्ल यजुर्वेद और ऋग्वेद दो शाखाओं में बांटा गया है I
सामवेद का शाब्दिक अर्थ है गान I
सामवेद में यज्ञो के अवसर पर गाये जाने वाले ऋचाओं ( मंत्रो ) का संकलन है I
सामवेद के पाठकर्ता को उद्रातृ कहते है I
सामवेद में 1810 सूक्त है I
सामवेद को भारतीय संगीत का जनक भी कहा जाता है I
अथर्ववेद , अथर्वा ऋषि द्वारा रचित इस वेद में कुल 731 मंत्र तथा लगभग 6000 पदध है I
औषधि का उल्लेख सबसे पहले अथर्ववेद में मिलता है I
सबसे प्राचीन वेद ऋग्वेद एवं सबसे बाद का वेद अथर्ववेद है I
शतपथ में गंधार , शल्य , कैकेय , कुरु , पंचाल , कोसल , विदेह आदि राजाओं का उल्लेख मिलता है
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