महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। यहाँ कुछ प्रमुख आंदोलनों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
1. चंपारण सत्याग्रह (1917):
- स्थान: चंपारण, बिहार
- कारण: ब्रिटिश नील खेती प्रथा के खिलाफ
- परिणाम: किसानों को नील की खेती से मुक्ति मिली और उनके अधिकारों की रक्षा हुई।
2. खेड़ा सत्याग्रह (1918):
- स्थान: खेड़ा, गुजरात
- कारण: बाढ़ और अकाल के बावजूद किसानों से कर वसूली
- परिणाम: सरकार ने किसानों की कर माफी की मांग को स्वीकार किया।
3. असहयोग आंदोलन (1920-1922):
- उद्देश्य: ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण असहयोग
- कार्यवाही: सरकारी स्कूल, कॉलेज, और अदालतों का बहिष्कार, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार
- परिणाम: आंदोलन के दौरान चौरी चौरा घटना के बाद गांधी जी ने इसे वापस ले लिया।
4. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1934):
- कारण: नमक कर
- कार्यवाही: दांडी यात्रा (1930) जिसमें गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा
- परिणाम: ब्रिटिश सरकार को गोलमेज सम्मेलन बुलाना पड़ा और भारतीय नेताओं से बातचीत शुरू करनी पड़ी।
5. भारत छोड़ो आंदोलन (1942):
- उद्देश्य: भारत से ब्रिटिश शासन का पूर्ण अंत
- नारा: "करो या मरो"
- परिणाम: इस आंदोलन के बाद भारतीय स्वतंत्रता की मांग और तेज हो गई और अंततः 1947 में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
6. अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (1918):
- स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
- कारण: मजदूरों के वेतन में वृद्धि की मांग
- कार्यवाही: गांधी जी ने भूख हड़ताल की और मजदूरों का समर्थन किया
- परिणाम: मालिकों और मजदूरों के बीच समझौता हुआ और मजदूरों के वेतन में वृद्धि हुई।
7. रॉलेट एक्ट विरोध (1919):
- कारण: रॉलेट एक्ट के तहत ब्रिटिश सरकार को बिना मुकदमे के किसी को भी गिरफ्तार करने का अधिकार
- कार्यवाही: गांधी जी ने देशभर में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का आह्वान किया
- परिणाम: जलियाँवाला बाग हत्याकांड जैसी घटनाओं के बावजूद, गांधी जी ने जनता को अहिंसा का पालन करने के लिए प्रेरित किया।
8. कालापानी आंदोलन (1921):
- कारण: ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कालापानी की सजा देना
- कार्यवाही: गांधी जी ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और आंदोलन किया
- परिणाम: ब्रिटिश सरकार को इस अमानवीय सजा को बंद करना पड़ा।
9. व्यक्तिगत सत्याग्रह (1940-1941):
- उद्देश्य: ब्रिटिश सरकार के द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को बिना परामर्श के शामिल करने के खिलाफ
- कार्यवाही: चुने गए नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से सत्याग्रह किया
- परिणाम: यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार पर दबाव डालने का एक तरीका था।
10. हरिजन आंदोलन (1932-1934):
- उद्देश्य: अछूतों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें समाज में समानता दिलाना
- कार्यवाही: गांधी जी ने अछूतों के प्रति भेदभाव के खिलाफ संघर्ष किया, अछूत शब्द को हरिजन (भगवान के लोग) से बदलने की पहल की
- परिणाम: मंदिर प्रवेश और अन्य सामाजिक सुधारों के माध्यम से हरिजनों की स्थिति में सुधार हुआ।
11. नमक सत्याग्रह (1930):
- स्थान: दांडी, गुजरात
- उद्देश्य: नमक कानून के खिलाफ विरोध
- कार्यवाही: गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च किया, जिसमें नमक कानून तोड़ा
- परिणाम: यह आंदोलन अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रमुखता से देखा गया और ब्रिटिश सरकार को भारत की स्वतंत्रता की मांग को गंभीरता से लेने पर मजबूर किया।
12. गांधी-इरविन समझौता (1931):
- स्थान: नई दिल्ली
- उद्देश्य: सविनय अवज्ञा आंदोलन के समापन के लिए समझौता
- कार्यवाही: गांधी जी और लॉर्ड इरविन के बीच बातचीत के बाद समझौता हुआ
- परिणाम: ब्रिटिश सरकार ने नमक कानून में ढील दी और कुछ अन्य रियायतें दीं, जबकि गांधी जी ने आंदोलन समाप्त किया।
13. बुनकर आंदोलन (1920-1922):
- स्थान: गुजरात
- उद्देश्य: बुनकरों की समस्याओं का समाधान और उनकी स्थिति में सुधार
- कार्यवाही: गांधी जी ने बुनकरों को संगठित किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाया
- परिणाम: बुनकरों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।
14. सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ आंदोलन (1946-1947):
- स्थान: भारत भर में
- उद्देश्य: हिंदू-मुस्लिम दंगों और सांप्रदायिक हिंसा को रोकना
- कार्यवाही: गांधी जी ने हिंसा की निंदा की और शांति बनाए रखने के लिए प्रयास किए
- परिणाम: गांधी जी के प्रयासों से कई स्थानों पर सांप्रदायिक हिंसा को नियंत्रित किया गया, हालांकि विभाजन के समय व्यापक हिंसा हुई।
15. दांडी मार्च (1930):
- स्थान: दांडी, गुजरात
- उद्देश्य: ब्रिटिश नमक कानून के खिलाफ विरोध
- कार्यवाही: गांधी जी ने 24 दिनों में 240 मील की यात्रा की और समुद्र तट पर नमक बनाया
- परिणाम: यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख घटना बनी और देशभर में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ जन जागरूकता फैल गई।
16. सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1934):
- स्थान: भारतभर
- उद्देश्य: ब्रिटिश शासन की असमान नीतियों का विरोध
- कार्यवाही: गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा और अन्य असहयोग गतिविधियाँ शुरू कीं
- परिणाम: यह आंदोलन भारतीय जनता में स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण संघर्ष था।
17. वर्तमान तिथि के अनुसार एकता आंदोलन (1940):
- स्थान: भारतभर
- उद्देश्य: विभिन्न समुदायों और जातियों के बीच एकता को बढ़ावा देना
- कार्यवाही: गांधी जी ने विभिन्न धार्मिक और जातीय समूहों के बीच संवाद स्थापित किया और उन्हें एकता के महत्व पर बल दिया
- परिणाम: समाज में विभिन्नता के बावजूद एकता की भावना को मजबूत किया गया।
18. चौरी चौरा घटना (1922):
- स्थान: उत्तर प्रदेश
- उद्देश्य: असहयोग आंदोलन के दौरान हिंसा और प्रदर्शन
- कार्यवाही: पुलिस स्टेशन पर भीड़ द्वारा हमला किया गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए
- परिणाम: गांधी जी ने आंदोलन को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया, ताकि हिंसा को रोका जा सके और अहिंसा के सिद्धांतों को बनाए रखा जा सके।
19. हरिजन आंदोलन (1932):
- स्थान: भारतभर
- उद्देश्य: अछूतों की सामाजिक स्थिति में सुधार और उन्हें समाज में समानता दिलाना
- कार्यवाही: गांधी जी ने अछूतों को हरिजन नाम से संबोधित किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया
- परिणाम: कई सामाजिक सुधार हुए और अछूतों की स्थिति में सुधार देखने को मिला।
20. नवजागरण आंदोलन (1915-1919):
- स्थान: गुजरात
- उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सुधार और शिक्षा का प्रचार
- कार्यवाही: गांधी जी ने ग्रामीण विकास, शिक्षा, और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया
- परिणाम: यह आंदोलन भारतीय समाज के ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता और सुधार लाने में सहायक रहा।
21. कोहिनूर आंदोलन (1917-1918):
- स्थान: भारत
- उद्देश्य: कोहिनूर हीरा की ब्रिटिश सरकार से वापसी की मांग
- कार्यवाही: गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार से कोहिनूर हीरा भारत को लौटाने की मांग की
- परिणाम: इस आंदोलन से अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की बात उठी।
22. नागरिक अवज्ञा आंदोलन (1934-1935):
- स्थान: भारत
- उद्देश्य: ब्रिटिश प्रशासन और सामाजिक असमानताओं का विरोध
- कार्यवाही: गांधी जी ने शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीकों से नागरिक अवज्ञा का आह्वान किया
- परिणाम: इस आंदोलन ने नागरिक अधिकारों की रक्षा और स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया।
23. सत्याग्रह आंदोलन (1922-1924):
- स्थान: भारत
- उद्देश्य: सत्याग्रह के सिद्धांतों को लागू करना और अहिंसात्मक संघर्ष को बढ़ावा देना
- कार्यवाही: गांधी जी ने सत्याग्रह के सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप में लागू किया
- परिणाम: इस आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और सत्याग्रह के सिद्धांतों को लोकप्रिय बनाया।
24. महिला सशक्तिकरण आंदोलन (1930):
- स्थान: भारत
- उद्देश्य: महिलाओं की सामाजिक स्थिति में सुधार और उनके अधिकारों की रक्षा
- कार्यवाही: गांधी जी ने महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया
- परिणाम: महिलाओं की भूमिका स्वतंत्रता संग्राम में बढ़ी और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी
25. स्वदेशी आंदोलन (1905):
- स्थान: भारत
- उद्देश्य: विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करना
- कार्यवाही: गांधी जी ने स्वदेशी वस्त्रों की खरीदारी और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार किया
- परिणाम: इस आंदोलन ने भारतीय उद्योग और स्वदेशी उत्पादों की मांग को बढ़ावा दिया।

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