भारत के संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया था । जिसकी स्थापना कैबिनेट मिशन योजना, 1946 के अन्तर्गत की गई । जिसमे कुल सदस्यों की संख्या 369 (292 प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 मुख्य आयुक्त प्रांतों के प्रतिनिधि तथा 93 देशी रियासत के प्रतिनिधि ) थे । संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर, 1946 को आयोजित किया गया था। जिसमे अस्थायी अध्यक्ष के रूप मे डॉ सच्चिदानन्द सिन्हा को चुना गया । 11 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप मे डॉ राजेन्द्र प्रसाद को तथा एस सी मुखर्जी को उपसभापति के रूप मे चुना गया । संविधान सलहकार के पद पर बी एन राव को नियुक्त किया गया ।
देश के विभाजन होने के बाद मुस्लिम लीग ने संविधान सभा से अपने अस्थायी सदस्य को वापस बुला लिया । जिसके बाद संविधान सभा मे सदस्यों की संख्या 389 से घटकर 299( 229 प्रांतों के प्रतिनिधि, 70 देशी रियासत के प्रतिनिधि ) रह गई ।
संविधान सभा के निर्माण हेतु 22 समितियों ( 12 समितियाँ मूल मामलों से संबंधित थे और 10 समितियाँ कार्यविधि संबंधी ) का गठन किया ।
डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रारूप समितियाँ का गठन किया गया ।
26 नवंबर, 1949 को डॉ राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता मे स्वीकार किया गया ।
संविधान के निर्माण मे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे ।
26 जनवरी, 1950 को संविधान को लागू किया गया ।
नागरिकता चुनाव, अस्थायी संसद तथा कुछ अन्य प्रावधान 26 नवंबर, 1949 को ही लागू किया ।
26 जनवरी को लागू करने का मुख्य करण यह था की सर्वप्रथम 30 दिसंबर, 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन।
22 जुलाई, 1947 को राष्ट्र ध्वज स्वीकार किया गया था ।
24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रगान स्वीकार किया गया था ।
24 जनवरी, 1950 को राष्ट्रीय गीत स्वीकार किया गया था ।
24 जनवरी, 1950 को डॉ राजेन्द्र प्रसाद का प्रथम राष्ट्रपति के रूप मे निर्वाचन किया ।
प्रारूप समिति
प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे ।
प्रारूप समिति कुल सदस्य ( एन गोपलास्वामी आयंगर, अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर, के एम मुंशी, मोहम्मद सदाउल्ला( अस्वास्थ्य होने के कारण एन माधवन राव को नियुक्त किया गया ), डी जी खेतान ( मृत्यु के बाद टी कृष्णामाचारी )।
विभिन्न समितियाँ एवं उनके प्रमुख
If you have any doubts, Please let me know.