राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एव अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना 1990 में हुआ था।
पंजाब में 19वीं शताब्दी के अंत में प्रारंभ हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व लाला लाजपत राय और सरदार अजीत सिंह ने किया था।
बीपी मंडल मंडल आयोग के अध्यक्ष थे।
दलित वर्ग कल्याण लीग की स्थापना डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने किया था।
मुंडा जनजाति के युवा संगठन को जीतियोरा कहा जाता है।
सरहुल आदिवासी समुदाय का त्यौहार है और झारखंड में मनाया जाता है।
जनजातीय बहुल झारखंड बिहार प्रदेश से काट कर बनाया गया है।
चिपको आंदोलन की अगुवाई सुंदरलाल बहुगुणा ने किया था।
सरोजिनी नायडू मोहिनी गिरी और रंजना कुमारी महिला आंदोलन से जुड़ी हुई थी।
पिछड़े वर्गों के लिए बनाया गया प्रथम आयोग के अध्यक्ष काका कालेलकर थे।
मानसरोवर बांध के खिलाफ आंदोलन को मेधा पाटकर ने नेतृत्व किया था।
स्वामी सहजानंद सरस्वती को किसान का नेता कहा गया है।
भारत के तमिलनाडु राज्य में पिछड़ी जाति आंदोलन सर्वप्रथम शुरू हुआ था।
ताना भगत आंदोलन जनजाति से संबंधित था।
फरवरी-मार्च 2015 से अन्ना हजारे भारतीय किसान आंदोलन में प्रदर्शन किया।
भारतीय किसान यूनियन के किसान आंदोलन में नए सिरे से प्राण फूंकने का श्रेय महेंद्र सिंह टिकैत को जाता है।
आत्मसम्मान आंदोलन के प्रणेता रामास्वामी नायकर थे।
मुंडा विद्रोह का नेतृत्व बिरसा मुंडा ने किया था।
भारत में 1993 में प्रधानमंत्री रोजगार योजना शुरू किया गया था।
1997 में बालिका समृद्धि योजना की शुरुआत हुई थी।
अहिंसा के आधार पर चलाया गया एक आंदोलन जिसे गांधी जी ने चलाया उसका नाम सत्याग्रह आंदोलन था।
चिपको आंदोलन 1973 में चलाया गया था।
भारत में नारीवादी आंदोलन के पुरोधा के रूप में सरोजिनी नायडू को जाना जाता है।
स्वामी सहजानंद सरस्वती का संबंध किसान आंदोलन से है।
चिपको आंदोलन वृक्षों की रक्षा से संबंधित है।
जनजातीय आंदोलन जनजाति से संबंधित है।
दलित पैंथर्स की स्थापना 1972 ईस्वी में हुआ था।
भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय नीति की घोषणा 2001 में किया था।
चिपको आंदोलन का संबंध पर्यावरण समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
संथाल विद्रोह का नेतृत्व सिद्धों - कान्हो ने किया था।
मेधा पाटेकर पर्यावरण आंदोलन से संबंधित है।
बिहार में ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण आरक्षित किया गया है।
चिपको आंदोलन का संबंध उत्तराखंड से था।
तेलंगाना आंदोलन हैदराबाद के नल गोंडा जिले में 1946 में शुरू हुआ था।
तिभागा आंदोलन 1947 में समाप्त हुआ था ।
विभाग आंदोलन के प्रमुख नेता भोवानी सेन था ।
बिहार किसान सभा को 1936 ईस्वी में अखिल भारतीय किसान सभा में परिवर्तित किया गया था ।
बिहार किसान सभा की स्थापना 1929 में हुआ था।
वर्ष 1928-29 में बारदोली( गुजरात) के किसान आंदोलन का नेतृत्व सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था।
भारतीय किसान यूनियन का गठन 1978 में हुआ था।
भारत में श्रमिक आंदोलन का विकास औद्योगिकरण के फल स्वरुप हुआ था।
भारत में आर्थिक नीति 1991 में उदारीकरण ,निजीकरण और भूमंडलीकरण को अपनाया गया था।
भारत में श्रम संघ का इतिहास 1890 स्पीड में शुरू हुआ था।
भारत में सर्वप्रथम 1875 में स्वराज जी शाहपुर में श्रमिकों की दुर्दशा की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था।
सूचना का अधिकार के लिए आंदोलन पर्यावरण बचाओ कृषक आंदोलन आदि सुधारवादी आंदोलन से संबंधित है।
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