ONE LINNER
भारतीय संविधान के 11 मूल कर्तव्य को 86वें संविधान संशोधन
2002 में जोड़ा गया था।
राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में कुल 12 व्यक्ति मनोनीत किए जाते हैं।
धन विधेयक संसद के केवल लोकसभा में पुनः स्थापित किया जाता है।
एक वर्ष में लोकसभा के कम से कम 2 सत्र बुलाए जाते हैं।
लोकसभा के सदस्यों की संख्या 525 से बढ़ाकर 545 ,31 वें
संविधान संशोधन में कर दिया गया था।
लोकसभा के वर्तमान सदस्यों की संख्या 545 है।
संविधान की चौथी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से
संबंधित है।
सांसद के राज्यसभा सदन का अध्यक्ष उसका सदस्य नहीं होता है।
राज्य एवं केंद्र सरकारों के सभी खर्चो की वित्तीय जांच नियंत्रक एवं
महालेखा परीक्षक करता है।
भारत का प्रथम महान्यायवादी एमसी सीतलवाड़ था।
भारत के प्रथम नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वी नरहरि राव थे।
भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक लोक लेखा समिति का
मार्गदर्शक होता है।
संसदीय शासन व्यवस्था में वास्तविक कार्यपालिका शक्ति प्रधानमंत्री
के अधीन होता है।
केंद्र सरकार का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है ।
संविधान के अनुच्छेद 352 में मंत्रिमंडल शब्द का प्रयोग किया गया है ।
भारत के लाल बहादुर शास्त्री नेहरू की कैबिनेट में पहले गृह मंत्री
के बाद रक्षा मंत्री कैलाश नाथ काटजू है।
राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति किसी के भी निर्वाचन में राज्य अथवा संसद
के राज्य विधान परिषद के सदस्य में भाग नहीं लेते हैं ।
भारत का राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देता है ।
भारत के उपराष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों
के सभी निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य सम्मिलित होते हैं ।
भारत के उप राष्ट्रपति को पद से हटाने संबंधित प्रस्ताव संसद के
केवल राज्यसभा में लाया जा सकता है।
भारत के संविधान सभा ने वर्तमान रूप में राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई
1947 को अपनाया था ।
9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक हुआ था।
26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान संविधान सभा द्वारा अधिनियमित
किया गया था।
जन गण मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को
अपनाया गया था।
भारत सरकार द्वारा अशोक का स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में
26 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया।
भारत के संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर को 1946 किया
गया था।
संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया था।
भारतीय संविधान के निर्माण में संविधान सभा को 2 वर्ष 11 महीना 18
दिन का समय लगा था ।
भारतीय संविधान के निर्माण काल में संविधान सभा के कुल 12 अधिवेशन
हुए थे ।
भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा के सदस्यों का
चुनाव विभिन्न प्रांतों के विधानसभाओं के द्वारा किया गया था।
कैबिनेट मिशन द्वारा प्रस्तुत योजना के अनुसार संविधान सभा में प्रांतों
से प्रतिनिधियों का निर्वाचन 10 लाख की जनसंख्या पर एक सदस्य था।
ब्रिटिश भारत में भारत शासन अधिनियम 1935 में संघीय शासन
का प्रावधान किया गया था।
केंद्र में द्वैध शासन व्यवस्था भारत शासन अधिनियम 1935 के द्वारा
किया गया था।
भारतीयों को भारत के प्रशासन में भाग लेने का अधिकार चार्टर एक्ट
1833 अधिनियम के द्वारा प्राप्त हुआ है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल सर्वप्रथम 1919 के भारत शासन अधिनियम द्वारा
द्विसदनीय बनाया गया।
भारतीय संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन 1946 के अंतर्गत
किया गया था।
अखिल भारतीय संघ स्थापित करने का प्रावधान भारत शासन अधिनियम
1935 में किया गया था।
भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था।
भारतीय संविधान को पूर्णतः 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
संविधान सभा ने डॉ बी अंबेडकर की अध्यक्षता में प्रारूप समिति का
गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया था।


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