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मुगल साम्राज्य / Mughal Empir / शेरशाह/Shershah

 

1.शेरशाह का जन्म शेरशाह का जन्म 1472 इसमें को बेजवाड़ा होशियारपुर में हुआ था इनके बचपन का नाम फरीद था। इनका जन्म नारनौल अथवा बजवाड़ा में हुआ था।

2.ताज खां सारंगखानी की विधवा लाड मलिका से शेर खां 1530 ई में विवाह कर लिया और इससे शेर खा को चुनार का किला तथा अनेक परगने दिए गए।
3.गाजीपुर के नसीर लोहानी की विधवा गौहर कोसाई से विवाह कर शेर खा को अपार संपत्ति प्राप्त हुए।
4.शेरशाह के पिता का नाम हसन खान था ।
5.शेरशाह ने शिक्षा जौनपुर से ग्रहण किया था ।
6.शेर खां की उपाधि शेरशाह को दक्षिण बिहार के सूबेदार बहार खान लोहानी एक शेर मरने के उपलक्ष्य में दिया था ।
7.शेरशाह ने चंदेरी के युद्ध में मुगलों की ओर से भाग लिया था।
8.घाघरा के युद्ध में शेर शाह महमूद लोदी की ओर से भाग लिया था।
9.शेरशाह ने 1529 ई में बंगाल के नुसरत साहब को पराजित करके हजरत ए आला की उपाधि ग्रहण किया था।
10.शेरशाह ने 1532 में दोहरिया के युद्ध में महमूद लोदी का साथ दिया था।
11.चुनार के युद्ध 1533 में शेर खां और हुमायूं के बीच हुआ जिसने शेर खा की पराजय हुई तथा इसे चुनार का किला मुगलों को सौंपना पड़ा पड़ा साथ ही उसके पुत्र कुतुब शाह को हुमायूं की सेवा में जाना पड़ा ।
12.15 जून 1540 को कर्मनाशा नदी के तट पर चौसा स्थान पर हुआ । इस युद्ध में हुमायूं की हार हुई इस विजय के अवसर पर शेर खां ने शेरशाह की उपाधि एवं खुद को सुल्तान घोषित कर दिया।
13.17 मई 1540 को गंगा के तट पर कन्नौज अथवा बिलग्राम के युद्ध में पुनः शेर खां ने हुमायूं को हरा दिया था। इसके बाद ही को भागना पड़ा एवं दिल्ली की गद्दी पर द्वितीय अफगान वंश का शासन स्थापित हुआ
14.शेरशाह ने मारवाड़ के युद्ध में कहा था " मैं मुट्ठी भर बाजरे के लिए लगभग हिंदुस्तान का साम्राज्य को चुका था । "
15.शेरशाह ने चांदी का रुपया सर्वप्रथम चल गया था चांदी के रुपए एवं तांबे का दाम का अनुपात 64 :1 था।
16.शेर का शिकार मलिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत की रचना की थी।
17.शेरशाह ने अपना मकबरा सासाराम में बनवाया था।
पाटलिपुत्र को पटाना नाम शेरशाह ने दिया था।
18.शेरशाह ने भूमि माप के लिए सिकंदरी एवं सन की डंडी का प्रयोग किया था।
19.शेरशाह ने उत्तर पश्चिमी सीमा की सुरक्षा के लिए रोहतासगढ़ नामक एक किला बनवाया था।
20.शेरशाह के चार महत्वपूर्ण प्रशासन विभाग राजस्व विभाग (दीवान- ए -विजारत) सैन्य विभाग (दीवान - ए - आरिज) 21.अनुदान विभाग दीवान -ए- रिसालत तथा दीवान -ए - इंशा ।
22.दीवान ए इंशा का कार्य पत्र सूचना इत्यादि प्रसारित प्रसारित करने के संबंध था।
 23.दीवान ए रिसालत विदेश विभाग की तरह काम करता था ।
24.शेरशाह ने बंगाल को उन्हें सरकारों में बांटा था ताकि वहां विद्रोह के संभावना को कम किया जा सके तथा वहां पर एक असैन्य अधिकारी अमीर ए बंगाल नियुक्त किया ।
25.शेरशाह ने सर्वप्रथम काजी फजीलात को अमीन ए बंगाल अथवा अमीर ए बंगाल नियुक्त किया।

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