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सिख संप्रदाय गुरु (Sikh sect guru)

सिख संप्रदाय गुरु 

  1. गुरु नानक देव ( 1539 तक ) 

  • 15 वीं सदी में सिख सम्प्रदाय की स्थापना 

  • बाबर और हुमायु के समकालीन 

  • लंगर की शुरुआत 

  • सांगत सभा की स्थापना 

  • जन्म - तलवंडी ( पाकिस्तान )

  • “ गुरुग्रंथ साहब “ नामक ग्रन्थ की रचना पंजाबी भाषा और गुरुमुखी लिपि में किया 

  1. गुरु अंगददेव  ( 1539 - 52 )


  • गुरुमुखी लिपि के जनक

  • गुरु अंगददेव का पूर्व नाम “ लहना “ था 

  • “ लहना “ जी के ऊपर सनातन धर्म  का प्रभाव था 

  • जन्म 31 मार्च 1504 ई में  

  • पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले में हुआ था 

  1. गुरु अमरदास ( 1552 - 74 )


  • विवाह पद्दति “ लवन “ का प्रचलन

  • अकबर के समकालीन 

  • जन्म 5 मई 1479 ई को 

  • जन्म पंजाब के अमृतसर में हुआ था 

  • अमृतसर शहर की स्थापना 

  1. गुरु रामदास ( 1574 - 81 )


  • गुरु अमरदास का दामाद 

  • जन्म 24 सितंबर 1534 , लाहौर , पाकिस्तान में हुआ था 

  • बचपन का नाम “ जेठा “ था 

  • अमृतसर नानक जलाशय का निर्माण 

  1. गुरु अर्जुनदेव ( 1581 - 1606 )


  • जन्म  15 अप्रैल 1563 में गोइंदवाल साहिब  ,पंजाब 

  • अमृतसर जलाशय के बीच में हर मदिर साहब ( स्वर्ण मंदिर ) का निर्माण 

  • गुरु अर्जुनदेव जहाँगीर के समकालिन थे 

  • मुग़ल राजकुमार खुसरो की सहयता के कारण जहाँगीर द्वारा मृत्यु दंड 

  • 1604 ई में आदिग्रंथ का संकलन जिसमे गुरुनानक की प्राथनाए एव गीत संकलित 

  1. गुरु हरगोविंद ( 1606 - 44 )


  • जन्म 19 जून 1595 को हुआ था 

  • “अकाल तख़्त “ की स्थापना 

  •  “अकाल तख्त” मतलब “ ईश्वर का सिहांसन “

  • सिखों के लड़ाकू समुदाय का संगठन

  • दो तलवार बंधाते थे 

  1. गुरु हरराय ( 1644 - 61 )


  • सीखो के सातवें गुरु थे 

  1.  गुरु हरकृष्ण ( 1661 - 64 )


  • सीखो को हैजा और चेचक पीडितो की देखभाल के माध्यम से पीडितो की देखभाल करने को सिखाया 

  • इनकी मृत्यु चेचक से हुआ था 

  1. गुरु तेगबहादुर (1664 - 75 )


  • इनका पहला नाम त्याग मल था 

  • सिख धार्मिक अध्ययन के सूत्रों में इनका उल्लेख “ संसार की चादर “ के रूप में किया गया 

  • इस्लाम धर्म ना स्वीकार करने के वजह से 1675 में मुग़ल शासक औरंगजेब ने इनका सिर कटवा दिया था 

  1. गुरु गोविंदसिंह ( 1675 - 1708 )


  • जन्म पटना ( 1666 ई में ) 

  • स्वय को सच्चा “ पादशाह “ कहा 

  • “ पाहुल प्रणाली “ की शुरुआत 

  • खालसा पंथ (1699 )  की स्थापना  

  • सिखों के पांच ककार ( केश , कंघा , कृपान , कच्छा , कड़ा )

  • कृष्णावतार और जफरनामा की रचना 

  • “ विचित्रपिटक “ इनकी आत्मकथा 

  • “ सवा लाख से एक लड़ाऊ “ का नारा दिया था

  • 1708 में नादेड ( महाराष्ट्र ) में गुल खां नामक पठान द्वारा हत्या 

  • गुरुपद की समाप्ति तथा आदिग्रंथ ( गुरुग्रंथ साहिब ) को ही गुरु घोषित कर दिया 

 

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