पंचायती राज ( Panchayati Raj )
भारत में पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत 2 अक्तूबर 1959 ई को पंडित जवाहरलाल नेहरु ने राजस्थान के नागौर जिला में किया था I
भारतीय संविधान के IX ( 9 वें ) भाग में पंचायती राज अधिनियम से सम्बंधित है I
भारतीय संविधान के IX A में नगरपालिकाओं से सम्बंधित है I
भारतीय संविधान के भाग IV में ग्राम पंचायत से सम्बंधित है I
भारत के पंचायती राज सत्ता के विकेंद्रीकरण प्रणाली पर आधारित है I
भारत के पंचायती राज निति निर्देशक सिद्धांत के अंतर्गत आती है I
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में राज्य सरकार को ग्राम पंचायत को संगठित करने का निर्देश देती है I
भारतीय संविधान के ग्यारहवी अनुसूची में पंचायत से सम्बंधित है I
भारत में पंचायती राज अधिनियम 24 अप्रैल 1994 को लागू हुआ था I
भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राजव्यवस्था ( बलवंत राय मेहता समिति ) को राजस्थान और आन्ध्र प्रदेश में पहली बार अपनाया गया था I
पंचायती राज की तीन स्तरीय प्रणाली ग्राम पंचायत ( निम्न स्तर ), पंचायत समिति और जिला परिषद् ( उच्च स्तर ) होते है I
बलवंत राय मेहता समिति का गठन 1957 ई को हुआ था I
बलवंत राय मेहता समिति प्रतिवेदन में पंचायती राज संस्थाओं को तीन स्तर पर करने का सुझाव दिया था I
बलवंत राय मेहता समिति पंचायत समिति को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए जोर दिया था I
पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन के लिए राज्य निर्वाचन आयोग उतरदायी होती है I
पंचायत के चुनाव करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है I
पंचायत समिति का मुख्य निष्पादक प्रखण्ड विकास अधिकारी होते है I
जिला परिषद का मुख्य कार्य समन्वय और पर्यवेक्षण है I
पंचायती राज समवर्ती सूची के अंतर्गत आते है I
पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होना चाहिए I
पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व ग्राम सेवक करता है I
यदि पंचायत भंग होती है तो छः महीने अंदर निर्वाचन होना आवश्यक होता है I
भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक लार्ड रिपन को कहा जाता है I
भारत में सामुदायिक विकास के मुख्य निर्माता एस के से को माना जाता है I
73 वे संवैधानिक संशोधन के द्वारा पंचायती राज संस्थओंको संवैधानिक दर्जा प्राप्त है I
73 वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायती राज का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है I
73 वे सम्न्विधन संशोधन के तहत यदि पंचायती राज संस्थओं को भंग करने की तिथि से छः माह के पूर्व गठन कर लिया जाना चाहिए I
73 वे संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के लिए प्रत्यक्ष एंव गुप्त मतदान के चुनाव का प्रावधान किया गया है I
73 वें संविधान संशोधन द्वारा ग्याह्र्वी अनुसूची में पंचायती राज संस्थओं को 29 कार्य सौपे गये है I
73 वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं में अध्यक्ष के कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित किये गये है I


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