मानव शरीर ( Human Body )
अग्न्याशय का आकर “ U “ के आकर का होता है I
अग्न्याशय अन्तःस्रावी ( इन्सुलिन और ग्लुकागौण नमक हार्मोन्स )और बहिर्स्रावी ( क्षारीय अग्न्याशय रस निकलता है जो एंजाइम है ) दोनों ग्रंथि है I
अग्न्याशय द्वारा ट्रिप्सिन एंजाइम का स्राव किया जाता है जो प्रोटीन को एमिनो अम्ल में परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक की तरह कार्य करता है I
श्वास मार्ग का प्रथम अंग नाक होता है I
ग्रसनी पाचन व श्वसन तन्त्र दोनों के अंतर्गत आती है I
वक्षगुहा में दोनों तरफ एक एक स्पंजी , गुलाबी और लगभग शंक्वाकार फेफड़ा पाया जाता है I
फेफड़े तक अशुद्ध रक्त फुफ्फुस धमनी द्वारा पहुँचाया जाता है I
फुफ्फुस धमनी एक मात्र धमनी है जो मानव शरीर में अशुद्ध रक्त प्रवाहित करता है I
फेफड़ो द्वारा शुद्ध किया हुआ रक्त फुफ्फुस शिरा द्वारा हृदय के बाएं आलिन्द में पहुँचाया जाता है I
फुफ्फुस शिरा एक मात्र शिरा है जो मानव शरीर में शुद्ध रक्त प्रवाहित करता है I
श्वसन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिय है जिसमे उर्जा का उत्पादन होता है I
श्वसन की दर व्यसक मनुष्यों में 12 - 15 बार प्रति मिनट तथा बच्चों में लगभग 44 बार प्रति मिनट होती है I
श्वसन क्रिया पूर्ण रूप से तंत्रिकीय नियंत्रण में होती है I
एक सामान्य मनुष्य में हिमोग्लोबिन की औसत मात्रा 15 ग्राम / 100 मिली रक्त होती है I
हिमोग्लोबिन ऑक्सिजन के साथ मिलकर एक अस्थायी यौगिक ऑक्सीहिमोग्लोबिन बना लेता है I ऑक्सीहिमोग्लोबिन युक्त शुद्ध रक्त चमकीला लाल रंग का होता है तथा अशुद्ध रक्त बैगनी रंग का होता है I
कार्बन मोंनोऑक्साइड के प्रति हिमोग्लोबिन का आकर्षण ऑक्सिजन से लगभग 250 गुना अधिक होता है I
रुधिर ( ब्लड ) का खोज विलियम हार्वे ने किया था I
रुधिर का परिसंरचन सदैव एक निश्चित दिशा में होती है और रुधिर परिसंरचन का कार्य हृदय द्वारा सम्पादित किया जाता है I
ह्रदय में चार कक्ष होते है I
सामान्य मनुष्य के ह्रदय का वजन लगभग 300 ग्राम का होता है I
ह्रदय प्रति मिनट 72 से 80 बार धड़कता है I
एक वयस्क व्यक्ति का रक्तचाप 120/80 होता है I
रक्तचाप वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है I
ह्रदय की धकन पर नियंत्रण के लिए पोटाशियम आवश्यक है I
प्रंकुचन दाब 120 mmHg तथा आकुंचन दाब 80 mmHg होता है I
प्रंकुचन दाब (120 mmHg ) तथा आकुंचन दाब ( 80 mmHg ) के अंतर को 40 mmHg कहते है I
ह्रदय लगभग 5 लीटर रक्त प्रति मिनट पम्प करती है I
नाड़ी की गति ह्रदय स्पंदन गति ( 70 - 90 / मि ) के समान होती है I
धमनियां रुधिर को हृदय से विभिन्न अंगो में ले जाती है I
फेफड़ो में जाने वाली फुफ्फुसीय धमनियों के अतिरिक्त इनमे शुद्ध रक्त प्रवाहित होता है I
महाधमनी मानव शरीर की सबसे बड़ी धमनी है जो बाएं निलय से शुद्ध रक्त शरीर में पहुंचाती है I
फुफ्फुसीय धमनिया धमनी यह दाए निलय से अशुद्ध रक्त फेफड़ो तक पहुंचती है I
दायाँ आलिन्द यह शरीर से अशुद्ध रक्त प्राप्त करता है I
बायाँ आलिन्द बाएं आलिन्द में फेफड़ो से शुद्ध रक्त आकर बायर्न निलय में जाता है I
शिराएँ रुधिर को विभिन्न अंगो से ह्रदय में ले जाती है I
फुफ्फुसीय शिराओं के अतिरिक्त सबमे अशुद्ध रक्त प्रवाहित होती है I
महाशिरा यह हृदय के दाहिने भाग को ऑक्सिजन की कमी वाले रक्त की आपूर्ति करता है I यह दो प्रकार के होते है अग्रमहाशिरा और पश्चमहाशिरा I
फुफ्फुसीय शिरा यह शुद्ध रक्त फेफड़ो से बाएं आलिन्द में पहुंचता है I
दायाँ निलय यह अशुद्ध रक्त फुफ्फसीय धमनी में भेजता है I
बायाँ निलय यहाँ से शुद्ध रक्त शरीर के सभी उत्तक में पहुंचता है I
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