मौर्य काल
मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था I चन्द्रगुप्त मौर्य ने कौटिल्य की सहायता से मगध के नन्द वंशी धनानंद को पराजित कर मगध पर अपना अधिकार किया I
चन्द्रगुप्त मौर्य और सेल्यूकस निकेटर के बीच 305 ई पु में सिन्धु नदी के ग्रीक क्षत्रप का युद्द हुआ जिसमे चंद्रगुप्त मौर्य की विजय हुई I उसके बाद सेल्यूकस निकेटर की बेटी हेलेना का विवाह चन्द्रगुप्त मौर्य से होता है I
सेल्यूकस निकेटर ने चन्द्रगुप्त मौर्य को आराकोसिया , पेरिपेनिसदई तथा जेड्रोसिया नामक जगह जो सौप दिया I
चन्द्रगुप्त न्र सेल्यूकस को 500 हाथी उपहार में दिए थे I
सुदर्शन झील का निर्माण रुद्रदामन ने किया था I
चन्द्रगुप्त मौर्य अपने शासनकाल के अंतिम समय में जैन साधू भद्रबाहु के साथ श्रवनबेलगोला चले गये थे I
चंद्र गुप्त मौर्य ने चंद्रगिरी पर्वत पर तपस्या करके संलेखना पद्दति से अपनी जीवन लीला समाप्त किया था I
स्ट्रेबो , एरियन और जस्टिन ने चन्द्रगुप्त को सैन्द्रोकोतास तथा एप्पियानस एवं प्लुटोर्क ने एन्द्रोकोतास कहा है I
सर्वप्रथम सर विलियम जोनस ने इन नामो का समीकरण चंद्रगुप्त मौर्य के साथ किया है I
बिंदुसार को यूनानी लेखक ने अमित्रचेट्स या अमित्रघात कहा है , जिसका अर्थ है शत्रुओं का नाश करना I
बिन्दुसार का अन्य नाम सिंहसेन एव भद्रसार भी था I
सीरिया के शासक एन्तियोसक प्रथम ने अपने दूत दाय्मेकास को तथा मिस्र के शासक टॉलमी द्वितीय ने डायनिसस को बिन्दुसार के दरबार भेजा था I
अशोक को उसके अभिलेखों में सामान्यतः देवनाप्रिय कहकर संबोधित किया गया है I
भाब्रू शिलालेख में अशोक अपने को “ बुद्ध्शाक्य “ तथा गौतम बुद्ध को भगवान कहकर सम्बिधित करता था I
रजतरंगीनी के अनुसार अशोक ने कशमीर में श्रीनगर तथा नेपाल में देवपत्तन नामक नगर बसाया I
प्रयाग स्तम्भ लक्ष में अशोक की पत्नी कारुवाश्की तथा पुत्र तिवार का उल्लेख मिलता है I
अशोक अपने राज्याभिषेक के 9 वें वर्ष ( 261 ई पु ) में कलिंग विजय की जिसका उल्लेख 13 वें शिलालेख में मिलता है I
अशोक ने शासन के 10 वे वर्ष बोधगया , 12 वें वर्ष नुग्लिसागर तथा 20 वें वर्ष लुम्बनी की यात्रा किया था I \
लुम्बनी में धार्मिक कर को माफ़ कर दिया तथा भूमिकर हटाकर आठवां भाग कर दिया था I
अशोक के धम्म की परिभाषा राहुलोवाद्सुत्त से ली गयी है I अशोक के अभिलेख ब्राह्मी , खरोष्ठी , अरमाइक एवं यूनानी में प्राप्त है I
अशोक का शहबाजगढ़ी एवं मनसेहरा अभिलेख खरोष्ठी लिपि में तथा तक्षशिला एवं लघमान ( काबुल ) अभिलेख अरमाइक एव यूनानी भाषा प्राप्त है I
प्रथम पृथक शिलालेख में अशोक सभी मनुष्यों का सन्तान बताता है I
साँची , कौशाम्बी और सारनाथ लघु स्तंभलेख में संघ में फुट डालने के विरुद्ध आदेश है I
अशोक ने बराबर की पहाड़ियों में आजीवक सन्यासियों के लिए सुदामा गुफा , कर्ण चौपद तथा विश्व झोपड़ी का निर्माण करवाया था I
कौटिल्य का अर्थशास्त्र राजनीती विषय पर लिखी गयी पुस्तक है I
अर्थशास्त्र में सबसे उच्च अधिकारीयों को तीर्थ कहा गया है , जिनकी संख्या 18 थी I
मौर्यकाल में दीवानी न्यायलय धर्मस्थीय तथा फौजादरी न्यायलय कंटकशोधन कहलाते थे I
कृषि योग्य भूमि पर उपज का एक चौथाई या छठा भाग भूराजस्व या लगान के रूप में वसूल किया जाता है I
राजकीय भूमि सीता कहलाती थी तथा इस पर उत्पादन कार्य के लिए सीताध्यक्ष नामक अधिकारी को नियुक्त किया जाता है I
पश्चमी तट पर भड़ौच तथा सोपारा प्रमुख बंदरगाह था I
मेगास्त्निज के अनुसार , भारतीय समाज सात जातियों में विभाजित था , दार्शनिक , किसान , शिकारी एवं पशुपालक , शिल्पी एवं कारीगर , योद्धा निरीक्षक एवं गुप्तचर तथा अमात्य एवं सभासद I
मेगास्थनीज ने धार्मिक व्यवस्था में डायोनोसिस एवं हेराक्लिज की चर्चा की है , जिसकी पहचान क्रमशः शिव और कृष्ण से की गयी है I
स्वतंत्र रूप से वेश्य्वृति करने वाली स्त्रियाँ “ रूपजीवा “ कहलाती थी I
कौटिल्य ने नौ प्रकार दासो की चर्चा की है जबकि मेगास्थनीज के अनुसार भारत में दास प्रथा प्रचलित नही थी I


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