Type Here to Get Search Results !

राज्य की कार्यपालिका

 राज्य की कार्यपालिका 



भारतीय संविधान में परिसंघ शासन की व्यवस्था है , जिसमे संघ और उसकी इकाइयों के अतिरिक्त राज्यों के प्रशासन के लिए पृथक प्रणालियाँ है I संविधान में दोनों के शासन के लिए उपलब्ध है I संविधान के भाग छः के अनुच्छेद 153 - 167 तक में राज्य कार्यपालिका के बारे में बताया गया है I 

राज्य कार्यपालिका में 

  • राज्यपाल 

  • मुख्यमंत्री 

  • मंत्रिपरिषद 

  • राज्य के महाधिवक्ता 


राज्यपाल 

अनुच्छेद 153 के अनुसार प्रत्येक राज्य का एक राज्यपाल होगा , लेकिन एक व्यक्ति को दो या दो से अधिक राज्यों का राज्यपाल भी नियुक्ति किया जा सकता है ( सातवें संविधान संशोधन अधिनियम , 1956 के अनुसार )I 

अनुच्छेद 154 ( 1) के अनुसार , राज्य की कार्यपालिका शक्ति राज्यपाल में समाहित होगी और वह इसका प्रयोग स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारीयों के माध्यम से करेगा I 

  • उम्र - 35 वर्ष 

  • भारत का नागरिक होना चाहिए I 

  • वर्तमान में राज्यपाल का वेतन 3 लाख 50 हजार है I 

  • राज्यपाल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति या उसकी अनुपस्थिति में उस न्यायालय के वरिष्ठतम नयय्धिश के समक्ष संविधान और विधि का परिरक्षण , संरक्षण और प्रतिरक्षण की शपथ लेता है I 

  • राज्यपाल के पद की शर्तो का उल्लेख अनुच्छेद 158 में मिलता है I 

  • राज्यपाल संसद के किसी सदन या राज्य विधानमंडल का सदस्य नही होगा I 

  • राज्यपाल अन्य कोई लाभ का पद धारण नही करेगा I 

  •  राज्यपाल की उपलब्धियां और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नही किये जायेंगे I 

  • राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा I 

  • अनुच्छेद 156 ( 2 ) के अधीन राज्यपाल , राष्ट्रपति को संबोधित कर अप्नेहस्ताक्षर सहित लेख द्वारा त्याग - पत्र दे सकता है I 

  • राज्य का राज्यपाल निर्वाचित नही होता , वह राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है I 

  • एक से अधिक बार राज्यपाल नियुक्त किये जाने के बारे में कोई प्रतिबन्ध नही है I 

  • राज्यपाल को राष्ट्रपति के अनुरूप कार्यकारी , विधायी , वित्तीय और न्यायिक शक्तियां प्राप्त होती है परन्तु राज्यपाल को राष्ट्रपति के सामान कूटनीति सैन्य या आपातकालीन शक्तियां प्राप्त नही है I 


कार्यकारी शक्तियां :-


  • संविधान के अनुच्छेद 154 के अनुसार , राज्य की कार्यपालि शक्तियां राज्यपाल में निहित की गयी है I 

  • अनुच्छेद 333 के अनुसार राज्यपाल राज्य की विधानसभा में आंगल भारतीय समुदाय के एक सदस्य को नियुक्त करता है I 

  • वह राज्य के महाधिवक्ता और राज्य लोकक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा अन्य सदस्यों को नियुक्त करता है I 

  • राज्य के अन्य अधिकारीयों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा ही की जाती है I 

  • अनुच्छेद 217 ( 1 ) के अनुसार राज्यपाल को राज्य उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को नियुक्त करने की शक्ति नही है I 

  • अनुच्छेद 352 ( 1 ) के अनुसार राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है तथा उपकुलपति को भी नियुक्त करता है I 

  • मंत्री अपने पद पर राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त रहते है I 

  • राज्यपाल किसी मंत्री को मुख्यमंत्री के परामर्श से हटा सकता है I 

  • राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है तथा उसके परामर्श से अन्य मंत्रियों की नियुक्तियां करता है I 


विधायी शातियाँ :-


  • राज्यपाल विधानमंडल का सदस्य नही होता , परन्तु राष्ट्रपति की तरह वह भी विधानमंडल का अंग होता है

  • राज्यपाल विधानपरिषद के सभापति तथा उपसभापति के पद रिक्त होने पर किसी भी सदस्य को विधानपरिषद की अध्यक्षता करने को कहा जाता है I 

  • यदि विधानमंडल के किसी सदस्य को अयोग्य होने पर विवाद हो तो उसका निरनय राज्यपाल करता है और उसका निर्णय अंतिम होता है , परन्तु निर्णय देने से पूर्व राज्यपाल के लिए चुनाव आयोग का परामर्श लेना आवश्यक है I 

  • राज्यपाल को अध्यादेश जारी करने का अधिकार प्राप्त है I 

  • जब विधानमंडल का अधिवेशन न चल रहा हो तो कोई असाधारण परिस्थिति उत्पन्न हो गयी हो , जिसको पूरा करने के लिए कोई कानून न हो तब राज्यपाल अध्यादेश जारी करता है I 

  • राज्यपाल विधानपरिषद के सभापति तथा उप - सभापति के पद रिक्त होने पर किसी भी सदस्य को विधानपरिषद की अध्यक्षता करने को कह सकता है I 

  • राज्य लोक सेवा आयोग और महालेखा परीक्षक अपनी वार्षिक रिपोर्ट राज्यपाल के पास भेजते है और राज्यपाल इन रिपोर्टो को विधानमंडल के सामने रखवाता है I 

  • राज्यपाल विधानमंडल के दोनों सदनों में भाषण दे सकता है I  

  • राज्यपाल राज्य विधानमंडल के उच्च सदन के छठवां (1 /6 ) भाग सदस्यों को मनोनीत कर सकता है I 


वित्तीय शक्तियां : - 


  • राज्य की आकस्मिक निधि पर राज्यपाल का ही नियंत्रण है I 

  • पंचायतो और नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति की हर वर्ष 5 वर्ष बाद समीक्षा के लिए वह वित्त आयोग का गठन किया I 

  • वार्षिक बजट राज्यपाल वित्तमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश करवाता I 

  • राज्यपाल की सिफारिश के बिना कोई भी धन विधेयक विधानसभा में पेश नही किया जा सकता अर्थात विधानसभा से धन की मांग राज्यपाल की सिफारिश पर ही हो सकती है I 


न्यायिक शक्तियां : -


  • जिलों न्यायाधीशों की नियुक्ति और पदोन्नति राज्यपाल करता है I 

  • राज्यपाल किसी अपराधी के दंड को क्षमा कर सकता है , घटा सकता तथा कुछ समय के लिए स्थगित कर सकता है , जिसे राज्य के कानून के विरूद्ध अपराध करने पर दंड मिला हो I 


राज्यपाल की नियुक्ति पर बने प्रमुख आयोग  


  • प्रशासनिक सुधार आयोग ( 1966 )

  • राजमन्नार समिति ( 1969 )

  • भगवान सहाय समिति ( 1970 ) 

  • सरकारिया आयोग ( 1983 )

  • पूंछी आयोग ( 1970 ) 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Area